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परमात्मा तब भी संसार के लोगों से बहुत प्रेम करता है।
इसीलिए एकदम सही समय में परमात्मा ने सद्गुरु यीशु को भेजा कि लोगों को दिखाएँ कि वे उनके साथ अपना रिश्ता फिरसे कैसे जोड़ सकते हैं।
सद्गुरु यीशु कौन है?
सद्गुरु यीशु परमात्मा का एकलौता पुत्र है।
सद्गुरु यीशु एक अद्भुत गुरु थे।
लोगों को उन्हें सुनने में बहुत अच्छा लगता था क्योंकि उन्होंने उन्हें सिखाया कि वे परमात्मा के पास कैसे लौट सकते हैं।
गुरु यीशु एक शक्तिशाली चमत्कार करने वाले भी थे।
एक दिन बहुत सारे लोग गुरु यीशु की शिक्षा को पूरे दिन सुनने के लिए आये।
क्योंकि लोग भूखे थे गुरु यीशु ने पाँच रोटी, दो मछलियों को लिया, उन्होंने प्रार्थना की और उन लोगों को बाँटने लगे।
उस दिन पाँच हज़ार से अधिक लोगों ने खाया और तृप्त हुए।
गुरु यीशु की ताकत हमारी जरूरतों को पूरा कर सकती है।
दूसरी बार गुरु यीशु ने झील को पार किया नाव पर उनके शिष्य भी थे।
जब गुरु यीशु सोए हुए थे एक विशाल तूफ़ान आया।
गुरु यीशु के शिष्यों ने उनको जगाया और कहा,
“गुरुजी! हम लोग मरने वाले हैं!”
गुरु यीशु खड़े हुए और हवा और लहरों को बोला, “चुप! शांत हो जाओ।”
हवा और बारिश तुरंत रुक गये।
गुरु यीशु की ताकत प्राकृतिक संसार से महान है।
जब गुरु यीशु झील के उस पार पहुँचे तो वह एक हिंसक आदमी से मिले जो कब्रों के बीच में रहता था।
वह बहुत सारे दुष्ट आत्माओं से ग्रसित था और बहुत ही खतरनाक था।
जब गुरु यीशु ने उसे देखा उन्होंने उससे भी प्रेम किया।
उन्होंने दुष्ट आत्मा को बोला और कहा, “जाओ!”
उन दुष्ट आत्माओं ने उस व्यक्ति को तुरंत छोड़ दिया और उस आदमी का दिमाग स्थिर हो गया।
गुरु यीशु की ताकत दुष्ट आत्माओं से महान है।
किसी और दिन प्रभु यीशु का एक करीबी दोस्त बीमार हुआ और मर गया।
कुछ दिन बाद गुरु यीशु अपने दोस्त की कब्र पर आये।
जब उन्होंने देखा कि उनका दोस्त कहा दफनाया गया था गुरु यीशु रोने लगे।
गुरु यीशु कब्र के सामने गये और कहा “दोस्त, बहार आओ!”
उनका दोस्त कब्र में से जीवित निकल आया।
गुरु यीशु की ताकत मृत्यु से भी महान है।
गुरु यीशु ने इन सरी चीजों को किया क्योंकि वह हमसे प्यार करते हैं वह चाहते हैं हम सब परमात्मा के पास वापस लौट आये।